Dr. Anita Kapoor's Blog
About Me
- Dr.Anita Kapoor
- God is within you, need to search. Welcome life as it comes,live and let people live.
Wednesday, November 10, 2010
कभी कभी साज के बिखरें सुरों में खो जातें हैं जिंदगी के सुर भी।
Monday, November 8, 2010
रिश्ते
कुछ रिश्ते जब बोझ बनने लगते हैं
दिए हुए नाम मिटने लगते हैं
जले हुए दिए बुझने लगते हैं
तो रिश्तो में से कांटें निकल आतें हैं
लहुलूहान हो कर हम जिंदगी की बाजी हार जाते हैं
कुछ रिश्तें ऐसे भी होतें हैं
जो अनाम होतें हैं
वकत की गर्दिश से मुस्कुरानें लागतें हैं
समझदारी से सींच दो तो
अजूबा
केक्टस में भी गुलाब खिलनें लागतें हैं
Sunday, November 7, 2010
वक़त ने डाल दी है
अनगिनत सलवटें
मेरी जिंदगी की सफ़ेद चादर पर
हर सलवट
एक पूर्ण कहानी
जिसमे है
कुछ टूटने व् कुछ बनने का अहसास
कली के मुस्कराने से लेकर
फूल बनकर मुरझा जाने तक का फासला
मैंने शराब की तरह पिया है
और छलक कर गिरी हुई बूंदों ने
नज्मो की शक्ल अखतिआर कर ली है
अनगिनत सलवटें
मेरी जिंदगी की सफ़ेद चादर पर
हर सलवट
एक पूर्ण कहानी
जिसमे है
कुछ टूटने व् कुछ बनने का अहसास
कली के मुस्कराने से लेकर
फूल बनकर मुरझा जाने तक का फासला
मैंने शराब की तरह पिया है
और छलक कर गिरी हुई बूंदों ने
नज्मो की शक्ल अखतिआर कर ली है
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